|| कॉर्डेटा: परिभाषा, विशेषताएं, वर्गीकरण और महत्व || कॉर्डेटा: परिभाषा, विशेषताएं, वर्गीकरण और महत्व|| कॉर्डेटा: परिभाषा, विशेषताएं, वर्गीकरण और महत्व||

Sumit Kumar
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कॉर्डेटा: जीवन की डोर

Table of Contents

  1. कॉर्डेटा की परिभाषा और परिचय
  2. कॉर्डेटा की विशेषताएं
  3. कॉर्डेटा का वर्गीकरण
  4. कॉर्डेटा के उदाहरण
  5. कॉर्डेटा का महत्व
  6. कॉर्डेटा का विकास
  7. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. कॉर्डेटा की परिभाषा और परिचय

कॉर्डेटा जानवरों का एक बड़ा संघ है जिसमें वे सभी जीव शामिल हैं जिनके जीवन चक्र में किसी न किसी स्तर पर निम्नलिखित चार विशेषताएं होती हैं:

  • नोटोकोर्ड: यह एक लचीली छड़ होती है जो शरीर को सहारा प्रदान करती है।
  • पृष्ठीय तंत्रिका कॉर्ड: यह तंत्रिका ऊतक की एक ट्यूब होती है जो मस्तिष्क से शरीर के बाकी हिस्सों तक संकेत भेजती है।
  • ग्रसनी थैली: यह थैली भोजन को छानने और श्वसन में मदद करती है।
  • पूंछ: कॉर्डेटा में एक पूंछ होती है जो उन्हें तैरने में मदद करती है।

कॉर्डेटा में कशेरुकी और अकशेरुकी दोनों जीव शामिल हैं। कशेरुकियों में रीढ़ की हड्डी होती है, जबकि अकशेरुकियों में रीढ़ की हड्डी नहीं होती है।

2. कॉर्डेटा की विशेषताएं

कॉर्डेटा की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • द्विपक्षीय समरूपता: कॉर्डेटा का शरीर दो समान हिस्सों में विभाजित होता है।
  • त्रिकोरिक: कॉर्डेटा में तीन रोगाणु परतें होती हैं: एक्टोडर्म, मेसोडर्म और एंडोडर्म।
  • कोelom: कॉर्डेटा में एक शरीर गुहा होती है जिसे कोelom कहा जाता है।
  • खंडीय रूप से व्यवस्थित: कॉर्डेटा का शरीर खंडों में विभाजित होता है।

3. कॉर्डेटा का वर्गीकरण

कॉर्डेटा को तीन उपसंघों में विभाजित किया गया है:

  • यूरोकॉर्डेटा: इस उपसंघ में ट्यूनिकेट्स जैसे समुद्री जीव शामिल हैं।
  • सेफेलोकोर्डेटा: इस उपसंघ में लैंसलेट जैसे छोटे मछली जैसे दिखने वाले जीव शामिल हैं।
  • कशेरुकी: इस उपसंघ में वे सभी जीव शामिल हैं जिनमें रीढ़ की हड्डी होती है, जैसे कि मछली, उभयचर, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी।

4. कॉर्डेटा के उदाहरण

कॉर्डेटा के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  • मनुष्य (Homo sapiens): हम स्तनधारी हैं और कॉर्डेटा संघ के अंतर्गत आते हैं।
  • कुत्ता (Canis familiaris): कुत्ते स्तनधारी हैं और कॉर्डेटा संघ के अंतर्गत आते हैं।
  • मछली (Pisces): मछली कशेरुकी हैं और कॉर्डेटा संघ के अंतर्गत आती हैं।
  • पक्षी (Aves): पक्षी कशेरुकी हैं और कॉर्डेटा संघ के अंतर्गत आते हैं।
  • साँप (Serpentes): साँप सरीसृप हैं और कॉर्डेटा संघ के अंतर्गत आते हैं।

5. कॉर्डेटा का महत्व

कॉर्डेटा पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक हैं। वे पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मानव सहित कई जानवरों के लिए भोजन का स्रोत हैं।

6. कॉर्डेटा का विकास

कॉर्डेटा का विकास क्रम इस प्रकार है:

  1. एक डिंब निषेचित होता है।
  2. डिंब ब्लास्टुला नामक कोशिकाओं के एक गेंद में विकसित होता है।
  3. ब्लास्टुला गैस्ट्रुला नामक तीन-परत भ्रूण में विकसित होता है।
  4. गैस्ट्रुला लार्वा में विकसित होता है।
  5. लार्वा वयस्क में विकसित होता है।

7. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

  • प्रश्न: कॉर्डेटा क्या है?

    • उत्तर: कॉर्डेटा जानवरों का एक बड़ा संघ है जिसमें वे सभी जीव शामिल हैं जिनके जीवन चक्र में किसी न किसी स्तर पर नोटोकोर्ड, पृष्ठीय तंत्रिका कॉर्ड, ग्रसनी थैली और पूंछ होती है।
  • प्रश्न: कॉर्डेटा की कुछ प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

    • उत्तर: कॉर्डेटा की कुछ प्रमुख विशेषताएं द्विपक्षीय समरूपता, त्रिकोरिक, कोelom और खंडीय रूप से व्यवस्थित शरीर हैं।
  • प्रश्न: कॉर्डेटा को कितने उपसंघों में विभाजित किया गया है?

    • उत्तर: कॉर्डेटा को तीन उपसंघों में विभाजित किया गया है: यूरोकॉर्डेटा, सेफेलोकोर्डेटा और कशेरुकी।
  • प्रश्न: कॉर्डेटा के कुछ उदाहरण क्या हैं?

    • उत्तर: कॉर्डेटा के कुछ उदाहरण मनुष्य, कुत्ते, मछली, पक्षी और साँप हैं।


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