हेमिकॉर्डेटा जंतुओं का एक दिलचस्प समूह है जो रीढ़ की हड्डी वाले जानवरों (कोर्डेटा) और रीढ़ की हड्डी के बिना जानवरों (नॉन-कोर्डेटा) के बीच एक विकासवादी कड़ी का प्रतिनिधित्व करता है। वे समुद्री वातावरण में रहते हैं और अक्सर समुद्र तल में पाए जाते हैं।
**विशेषताएं:**
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* **शरीर का आकार:** हेमिकॉर्डेटा की बॉडी प्लान त्रिपार्टाइट है, जिसका अर्थ है कि उनके शरीर को तीन अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया जा सकता है: एक गिल स्लिट-अग्रणी अनुभाग (स्टोमोकोर्ड), एक कॉलर (कॉलर) और एक धड़ (ट्रंक)।
* **नोचोर्ड:** हेमिकॉर्डेटा में एक अद्वितीय संरचना होती है जिसे नोटोकोर्ड कहा जाता है। यह रीढ़ की हड्डी के समान एक लचीली रॉड है, लेकिन यह केवल शरीर के पूर्वकाल के अंत तक ही फैली हुई है। नोटोकोर्ड गति और समर्थन प्रदान करने में मदद करता है।
* **गिल स्लिट्स:** हेमिकॉर्डेटा पानी से ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए गिल स्लिट का उपयोग करते हैं। ये स्लिट उनके स्टोमोकोर्ड में स्थित होते हैं।
* **चिपचिपा रहने:** कई हेमिकॉर्डेटा प्रजातियां अपने शरीर के सामने के छोर पर चिपचिपा बलगम का उत्पादन कर सकती हैं। इस बलगम का उपयोग शिकार को फंसाने या समुद्र तल पर खुद को लंगर डालने के लिए किया जा सकता है।
यहाँ हेमिकॉर्डेटा की कुछ विशेष प्रजातियों के उदाहरण दिए गए हैं:
* **बालनोग्लॉसस:** ये छोटे, कृमि जैसे जीव समुद्र तल में रहते हैं और समुद्र तल के कणों को खाते हैं।
* **पटनियस:** ये बड़े, लचीले जानवर गहरे समुद्र में पाए जाते हैं और समुद्र तल पर गड्ढे खोदकर रहते हैं।
* **सैक्कोग्लासस:** ये पारदर्शी, बैरल के आकार के जीव गहरे समुद्र में रहते हैं और बायोलुमिनेन्सेंस का उपयोग शिकार को आकर्षित करने के लिए करते हैं।
हेमिकॉर्डेटा एक आकर्षक जंतु समूह है जो वैज्ञानिकों को विकासवादी इतिहास को समझने में मदद करता है। उनके अद्वितीय शरीर के आकार और विशेषताओं ने उन्हें समुद्री वातावरण में सफल होने की अनुमति दी है।