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साइक्लोस्टोमाटा (Cyclostomata) कोर्डेटा संघ का एक अनोखा उप-समूह है, जिसमें बिना जबड़े की मछलियां शामिल हैं। उनके नाम का अर्थ है "गोल मुंह," जो उनके चूषक मुंह के आकार को दर्शाता है। वे जलीय वातावरण में रहते हैं और मुख्य रूप से मछली, शवपचायी और परजीवी के रूप में पाए जाते हैं।
यहाँ साइक्लोस्टोमाटा की कुछ विशेषताएं हैं:
1. **बिना जबड़े का मुंह:** उनके दांत नहीं होते हैं और मुंह एक गोल, चूषक जैसा होता है। वे शिकार को चूसकर या उनके शरीर में छेद करके खाते हैं।
2. **अलग-अलग शरीर के आकार:** साइक्लोस्टोमाटा में दो मुख्य समूह होते हैं: लैम्प्रेय (Lampreys) और हगफिश (Hagfish)। लैम्प्रेय eel के आकार के होते हैं, जबकि हगफिश सांप के आकार के होते हैं और उनके शरीर पर लसलसा होता है।
3. **अस्थिहीन कंकाल:** उनकी हड्डियाँ नहीं होती हैं, बल्कि उनके पास उपास्थि (cartilage) से बना कंकाल होता है। यह उन्हें लचीला और पानी में फिसलने में मदद करता है।
4. **आंखें:** कुछ साइक्लोस्टोमाटा में आंखें होती हैं, जबकि अन्य में नहीं होती हैं। हगफिश पूरी तरह से अंधी हैं।
5. **एंडोस्टाइल:** उनके गले में एक विशेष अंग होता है जिसे एंडोस्टाइल (endostyle) कहा जाता है। यह श्लेष्म का उत्पादन करता है जो भोजन को फँसाने और पचाने में मदद करता है।
साइक्लोस्टोमाटा की कुछ विशेष विशेषताएं भी हैं:
* **लैम्प्रेय:** वे परजीवी हो सकते हैं और मछली के शरीर पर अपना मुंह लगाकर उनके रक्त और ऊतकों पर फ़ीड कर सकते हैं। कुछ लैम्प्रेय गैर-परजीवी भी हैं और मृत मछली या जलीय कीड़ों को खाते हैं।
* **हगफिश:** वे शवपचायी हैं और मृत या मरणोन्मुख जानवरों के शवों को खाते हैं। उनके पास एक शक्तिशाली पाचन तंत्र होता है जो हड्डियों और दांतों को भी पचा सकता है। वे अपने शरीर के माध्यम से सांस लेने के लिए मिट्टी में भी दब सकते हैं।
साइक्लोस्टोमाटा एक प्राचीन समूह है जो लगभग 500 मिलियन वर्ष पुराना है। वे जलीय पारिस्थितिक तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं